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Showing posts from September, 2020

108 मनकों की माला को इसलिए पवित्र मानते हैं: योग शास्त्रों के अनुसार शरीर में 108 तरह की विशिष्ट ग्रथियां होती हैं बुद्ध के जन्म के समय 108 ज्योतिषियों के उपस्थित रहने की बात कही जाती है विभिन्न धर्मों में 27, 54, 108 मनके वाली माला का विधान है ,इस्लाम इसका अपवाद है जहां ९९ मनकों का चलन है सौंवां मनका स्वयं अल्लाह है ,ब्रह्म है

  https://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/ https://blog.scientificworld.in/2020/09/sun-and-earth-diameter-of-sun-is-108.html#more White Name of Allah Islamic 99 Prayer Beads Muslim Rosary Tasbih Misbaha अल्लाह के ९९ नाम है ,तसबीह में सौंवा 'मनका' स्वयं अल्लाह यानी गिनती का पूरक है। हर 'मनके' पर अल्लाह या मुहम्मद अंकित होता है ,सौंवां मनका सफ़ेद भी हो सकता है ,शेष श्याम (काले ). सिमरन सार्वदेशिक सार्वकालिक सार्वधार्मिक कर्म है।  https://www.amarujala.com/channels/downloads?tm_source=text_share माला के १०८ मानकों का रहस्य  माला के १०८ मनके धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माने जाते है। जप ,बिना माला के भी किया जा सकता है ,लेकिन माला से जप करने का अलग ही महत्व है। सवाल यह है कि मनके १०८ ही क्यों होते हैं कम या ज्यादा क्यों नहीं ?इसके वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही कारण हैं। माना जाता है ,निर्दिष्ट  संख्या से कम या अधिक होने पर जप निष्फल हो जाता है।  ऋषि अंगिरा ने व्यवस्था दी है ,बिना कुश के धर्म -अनुष्ठान ,बिना जल स्पर्श के दान और बिना संख्या