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Showing posts from February, 2023

क्या नहीं है वह ,क्या नहीं हो तुम

क्या नहीं है वह ,क्या नहीं हो तुम  -वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ) मेरे तैं महावत का अंकुश ,अश्व का बल हो तुम , गज़रे की खुशबू ,ठुमरी का  भाव ,दादरे  की ताल हो तुम।  मन का आलोड़न रचना का प्रसव हो तुम , लय औ ताल अब दोनों ही हो ज़िंदगी का तुम।  तुम ही बतला दो अब क्या नहीं हो तुम ?